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Tuesday 11 April 2017

शतावरी के यह फायदे नहीं जानते होंगे आप

शतावरी एक औषधीय पौधा है जिसका उल्‍लेख आयुर्वेद में किया गया है। इसका वनस्पती नाम है ऍस्पारॅगस रेसमोसस। शतावरी में ऐसे अनेको गुण छुपे हुए हैं जो आपकी हर एक बीमारी को यूं गायब कर सकता है।
यह पौधा तमाम तरह के स्‍त्री रोगों जैसे बांझपन, गर्भपात या नई नवेली मां में दूध की कमी को पूरा करता है। यह पौधा तमाम तरह के स्‍त्री रोगों जैसे बांझपन, गर्भपात या नई नवेली मां में दूध की कमी को पूरा करता है। आयुर्वेद में शतावरी की पत्‍तियों और जड़ों को शुक्रजनन, मधुर, शीतल एवं दिव्य रसायन माना गया है।
परंपरागत रूप से शतावरी को महिलाओं की जड़ी बूटी माना गया है, हांलाकि यह पौधा पुरुषों के हार्मोन लेवल को बढ़ा कर उनकी कामुकता में भी इजाफा कर सकता है। आइये जानते हैं कि शतावरी हमें कौन - कौन से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ पहुंचाता है।

क्या हैं शतावरी के सेवन के फायदे … जानिए 
अतिरिक्‍त वजन कम करे
महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अतिरिक्त पानी की वजह से जो वजन बढ़ता है शतावरी उसे कम करती है।
ब्रेस्‍ट मिल्‍क बढ़ाए
प्रसूता माता को यदि दूध नहीं आ रहा हो या कम आता हो तो शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन दिन में कम से कम चार बार अवश्य करना चाहिए।
बुखार और जलन दूर करे :- शतावरी की तासीर ठंडी होती है इसलिये यह बुखार, जलन और पेट के अल्‍सर की समस्या को दूर कर करने की क्षमता रखती है।
मधुमेह
कहा जाता है कि शतावरी की जड़ों के चूर्ण का सेवन बगैर शक्‍करयुक्‍त दूध के साथ नियमित लिया जाए तो यह काफी फायदेमंद होगा।
सुंदरता बनाये रखे :- शतावरी में विटामिन ए पाया जाता है जोकि त्‍वचा की सुंदरता को निखारने में एहम भूमिका निभाता है । यह चेहरे से झुर्रियों को मिटाने में भी मददगार होता है।
शक्‍तिवर्धक अगर इसमें पत्‍तो के रस 2 चम्‍मच दूध में मिला कर दिन में 2 बार लें, तो यह शक्‍ती प्रदान करता है।
माइग्रेन दूर करे :- शतावरी की ताजी जड़ को थोडा मोटा कूट कर इसका स्वरस निकालें और इसमें तिल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर पका लें। इस तेल को माइग्रेन जैसे सिरदर्द में लगाएं |

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